पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं है। 67 वर्षीय सुषमा ने मंगलवार को दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली। सुषमा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल की वह सिपहसलार थीं जिन्होंने बतौर विदेश मंत्री हर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पुरजोर तरीके से उठाया।
बुधवार को पीएम मोदी अपनी इस सबसे कद्दावर पूर्व मंत्री को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। आमतौर पर सख्त मिजाज के लिए मोदी यहां पर अपने आंसूओं को नहीं रोक पाए। सुषमा के पति स्वराज कौशल को सांत्वना देते हुए उनकी आंखें भी नम हो गईं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब साल 2014 में जीत कर दिल्ली पहुंचे तो उन्होंने विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा पर भरोसा जताया। तीन दशकों से ज्यादा की राजनीति का अनुभव रखने वाली सुषमा ने भी पीएम मोदी को निराश नहीं किया।
पीएम मोदी का सुषमा पर विश्वास इस कदर था कि साल 2015 से उन्होंने यूनाइटेड नेशंस की जनरल एसेंबली में भारत की तरफ से सुषमा को ही प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा। सुषमा ने इस मंच से हर मसले को दुनिया के सामने रखा। उरी आतंकी हमले के बाद इसी मंच से सुषमा ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।पीएम मोदी ने मंगलवार को सुषमा के निधन को एक व्यक्तिगत क्षति बताया। पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'सुषमाजी का जाना एक व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने देश के लिए जो कुछ भी किया, उसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा।'
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