आज दिनांक27/09/2018 को मोतीपुर बजरंग दल परिवार ने श्री बालाजी संतोषी मां मंदिर के प्रांगण में भगत सिंह की 111 वीं जयंती मनाई।

।जय श्री राम 🚩🚩🚩

 आज दिनांक27/09/2018 को   मोतीपुर बजरंग दल परिवार ने श्री बालाजी संतोषी मां मंदिर के प्रांगण में भगत सिंह की 111 वीं  जयंती मनाई।



हमारे मोतीपुर बजरंग दल के नगर संयोजक विकास कुमार राय ने भगत सिंह जी के बारे में कुछ विशेष बाते बताई,उन्होंने बताया कि:-
28 सितंबर 1907 को जिला लायलपुर (अब पाकिस्तान में) के गांव बावली में जन्मे शहीदे आजम भगत सिंह की आज 111वीं जयंती है। अपने क्रांतिकारी विचारों और कदमों से अंग्रेजी हकूमत की जड़े हिला देने वाले भगत सिंह कहते थे, 'बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।' जैसे ही 1922 में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन खत्म करने की घोषणा की तो भगत सिंह का अहिंसावादी विचारधारा से मोहभंग हो गया था।
फिल्में देखने के शौकीन भगत सिंह नाट्य अभिनय भी करते थे। अंग्रेज अधिकारी जॉन सॉन्डर्स को गोली मारने से पहले उन्होंने अमेरिकी लेखक हैरिएट बीचर के गुलामी के खिलाफ बनाई गई 'अंकल टॉम्स केबिन' फिल्म देखी थी। भगत सिंह कहते थे, 'प्रेमी पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं और देशभक्‍तों को अक्‍सर लोग पागल कहते हैं।'
भगत सिंह के बारे में कहा जाता है कि जब वह चार साल के थे वो खेत में गए और वहां जाकर मिट्टी और कंकणों को छूने लगे। यह देखकर पिता ने पूछा कि भगत सिंह क्या कर रहे हो? तो उनका जवाब हैरान कर देने वाला था। भगत ने जवाब दिया 'बंदूकें बो रहा हूं, अंग्रेजों को देश से भगाना है।' अपने साथियों से वह अक्सर कहते थे कि, 'जिंदगी अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठते हैं।'
असेंबली में बम फेंककर उन्होंने अंग्रेजी हकूमत में खौफ पैदा कर दिया था। 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग नरसंहार से भगत सिंह इस कदर व्यथित तथे कि पीड़ितों का दर्द साझा करने कई मील पैदल जलकर जलियांवाला पहुंचे थे।

मौके पे मौजूद बजरंगी :- प्रखंड मंत्री:- राजन जेश्वाल नगर संयोजक:- विकास कुमार राय
सह संयोजक:- प्रिंस प्रियांशु,वार्ड संयोजक:- प्रीतम प्यारे,मनदीप ,प्रसंजीत, 

🚩🚩मोतीपुर बजरंगदल🚩🚩 
        नगर मीडिया प्रभारी
            बबलू कुमार






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